GT America Devanagari
Family overview
- Ultra Light
- Thin
- Light
- Regular
- Medium
- Bold
- Black
- Ultra Lightचांदी को खाया जा सकता है हालांकि, यह पूर्णतया स्वादविहीन होती है। चांदी तत्व का एक बड़ी मात्रा में सेवन अर्जीरिया का कारण बन सकता है, लेकिन वर्क में इसकी बहुत ही कम मात्रा होने के कारण इसे शरीर के लिए हानिकारक नहीं माना जाता।
- Thinएक लीटर छाछ में लगभग २०० ग्राम बाजरे का आटा मिलाकर आग पर चढावें और धीरे धीरे लकड़ी के चाटू से हिलाते रहें. जब यह गाढी हो जाए और उफनने लगे तब नीचे उतार कर स्वाद के अनुसार नमक मिलावें. यदि गाढी ज्य्य्यादा हो जाए तो इसमें ठंडा छाछ और मिलावें
- Lightखीर भारतीय व्यंजनों में से एक है जो बहुत समय से बनाया जा रहा है। इसे पुरानी संस्कृति में भी पसंद किया जाता था। खीर के बनाने की विधि भी काफी पुरानी है। इसे बनाने के लिए दूध, चावल और चीनी को मिलाकर उबाला जाता है और इसमें खुशबू और स्वाद के लिए केसर और खोपरा भी डाला जाता है।
- Regularचांदी तत्व का एक बड़ी मात्रा में सेवन अर्जीरिया का कारण बन सकता है, लेकिन वर्क में इसकी बहुत ही कम मात्रा होने के कारण इसे शरीर के लिए हानिकारक नहीं माना जाता। वरक़ बनाने के लिए चांदी को पीट पीट कर एक चादर में ढाला जाता है और इसकी मोटाई मात्र कुछ माइक्रोमीटर ही रह जाती है।
- Mediumअक्सर आप इन्हें किसी विशेष उत्सव या समारोह में खाते होंगे या फिर कभी-कभी बज़ार से लाकर। पर क्या कभी आपने इन्हें घर पर बनाया है? यदि नहीं तो आज बनाकर देखिये। गुलाब जामुन दो तरीके से बनते हैं। मावे में थोड़ा सा मैदा मिला कर और मावे में पनीर मिला कर। दोनों ही तरह से बने हुए गुलाब जामुन अत्यंत स्वादिष्ट लगते हैं। आइये आज हम मावे में पनीर मिला कर गुलाब जामुन बनाते हैं। समय : करीब १-१.१/२ घंटा। एक बर्तन में चीनी और चीनी की मात्रा से आधा पानी मिलाकर गैस पर पकने रख दीजिये।
- Boldवरक़ बनाने के लिए चांदी को पीट पीट कर एक चादर में ढाला जाता है और इसकी मोटाई मात्र कुछ माइक्रोमीटर ही रह जाती है। इसे सहेजने के लिए इसे कागज की परतों के बीच रखा जाता है और इसे उपयोग से पहले इन कागजों मे से निकाला जाता है। यह बहुत ही नाज़ुक होता है और छूने पर छोटे छोटे टुकड़ों में टूट जाता है।
- Blackएक चौड़े और बड़े बर्तन में मावा, पनीर और मैदा डालकर नरम व चिकना आटा गूथ लें। गुलाब जामुन बनाने के लिये मावा तैयार रखें। अब इसमें से थोड़ा सा मावा (करीब एक छोटी चम्मच) उंगलियों की सहायता से निकालिये और उसे हथेली पर रखकर चपटा कर लीजिये।
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Typeface information
GT America Devanagari is the missing bridge between 19th century American Gothics and 20th century European Neo-Grotesk typefaces, built from the ground up as a sturdy workhorse.
Typeface Minisite


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